Not known Details About Shiv chaisa

जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥

शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥

किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से बचने हेतु हनुमान चालीसा का पाठ करें

नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥

श्रीरामचरितमानस धर्म संग्रह shiv chalisa in hindi धर्म-संसार एकादशी

दर्शन देकर, धन्य करो अब, हे त्रिनेत्र महेश्वर

जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥

दानिन महँ तुम सम Shiv chaisa कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥

भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

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